Motivational poem in hindi
(1) Tum Chalo To Sahi
राह में मुश्किल होगी हजार,
तुम दो कदम बढाओ तो सही,
हो जाएगा हर सपना साकार,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
मुश्किल है पर इतना भी नहीं,
कि तू कर ना सके,
दूर है मंजिल लेकिन इतनी भी नहीं,
कि तु पा ना सके,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
एक दिन तुम्हारा भी नाम होगा,
तुम्हारा भी सत्कार होगा,
तुम कुछ लिखो तो सही,
तुम कुछ आगे पढ़ो तो सही,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
सपनों के सागर में कब तक गोते लगाते रहोगे,
तुम एक राह है चुनो तो सही,
तुम उठो तो सही, तुम कुछ करो तो सही,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
कुछ ना मिला तो कुछ सीख जाओगे,
जिंदगी का अनुभव साथ ले जाओगे,
गिरते पड़ते संभल जाओगे,
फिर एक बार तुम जीत जाओगे।
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
(2) Kisto me Mat Jiya Karo – Motivational Poem
हर पल है जिंदगी का उम्मीदों से भरा,
हर पल को बाहों में अपनी भरा करो,
किस्तों में मत जिया करो।
सपनों का है ऊंचा आसमान,
उड़ान लंबी भरा करो,
गिर जाओ तुम कभी,
फिर से खुद उठा करो।
हर दिन में एक पूरी उम्र,
जी भर के तुम जिया करो,
किस्तों में मत जिया करो।
आए जो गम के बादल कभी,
हौसला तुम रखा करो,
हो चाहे मुश्किल कई,
मुस्कान तुम बिखेरा करो।
हिम्मत से अपनी तुम,
वक्त की करवट बदला करो,
जिंदा हो जब तक तुम,
जिंदगी का साथ ना छोड़ा करो,
किस्तों में मत जिया करो।
थोड़ा पाने की चाह में,
सब कुछ अपना ना खोया करो,
औरों की सुनते हो
कुछ अपने मन की भी किया करो,
लगा के अपनों को गले गैरों के संग भी हंसा करो,
किस्तों में मत जिया करो।
मिले जहां जब भी जो खुशी,
फैला के दामन बटोरा करो,
जीने का हो अगर नशा,
हर घूंट में जिंदगी को पिया करो,
किस्तों में मत जिया करो।
(3) Sapno Ki Uddan Bharo
“सपनों में उड़ान भरो”
कुछ काम करो,
न मन को निराश करो
पंख होंगे मजबूत,
तुम सपनों में साहस भरो,
गिरोगे लेकिन फिर से उड़ान भरो,
सपनों में उड़ान भरो।
तलाश करो मंजिल की,
ना व्यर्थ जीवनदान करो,
जग में रहकर कुछ नाम करो,
अभी शुरुआत करो,
सुयोग बीत न जाए कहीं,
सपनों में उड़ान भरो।
समझो खुद को,
लक्ष्य का ध्यान करो,
यूं ना बैठकर बीच राह में,
मंजिल का इंतजार करो,
संभालो खुद को यूं ना विश्राम करो,
सपनों में उड़ान भरो।
उठो चलो आगे बढ़ो,
मन की आवाज सुनो,
खुद के सपने साकार करो,
अपना भी कुछ नाम करो,
इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करो,
सपनों में उड़ान भरो।
बहक जाएं गर कदम,
तो गुरु का ध्यान करो,
तुम पा ना सको ऐसी कोई मंजिल नहीं,
हार जीत का मत ख्याल करो,
अडिग रहकर लक्ष्य का रसपान करो,
सपनों में उड़ान भरो।
(4) Na Khada Tu Dekh Galt ko
ना खड़ा तू देख गलत को
अब तो तू बवाल कर
चुप क्यों है तू
ना तो अपनी आवाज दबा
अब तो तू सवाल कर
ना मिले जवाब
तो खुद जवाब तलाश कर
क्यों दफन है सीने में तेरे आग
आज आग को भी
तू जलाकर राख कर
कमियों को ना गिन तू
ना उसका तू मलाल कर
कुछ तो अच्छा ढूंढ ले
ना मन को तू उदास कर
जो भी पास है तेरे
तू उससे ही कमाल कर
तू उठ कुछ करके दिखा
ना खुद को तू बेकार कर
खुद मिसाल बनकर
जग में तू प्रकाश कर
सोचता है क्या तू
तू वक्त ना खराब कर
जिंदगी जो है तो
जी के उसका नाम कर
रास्ते जो ना मिले
तो खुद की राह निर्माण कर
काल के कपाल पर
करके तांडव तू दिखा
दरिया जो दिखे आग का
प्रचंड अग्नि बन कर
तू उसे भी पार कर
(5) Tum Man ki Awaz Suno
तुम मन की आवाज सुनो,
जिंदा हो, ना शमशान बनो,
पीछे नहीं आगे देखो,
नई शुरुआत करो।
मंजिल नहीं, कर्म बदलो,
कुछ समझ ना आए,
तो गुरु का ध्यान करो,
तुम मन की आवाज सुनो।
लहरों की तरह किनारों से टकराकर,
मत लौट जाना फिर से सागर,
साहस में दम भरो फिर से,
तुम मन की आवाज सुनो।
सपनों को देखकर आंखें बंद मत करो,
कुछ काम करो,
सपनों को साकार करो,
तुम मन की आवाज सुनो।
इम्तिहान होगा हर मोड़ पर,
हार कर मत बैठ जाना किसी मोड़ पर,
तकदीर बदल जाएगी अगले मोड़ पर,
तुम अपने मन की आवाज सुनो।
(6) Kyo Darta hai – Inspirational Poem
कोने में बैठ कर क्यों रोता है,
यू चुप चुप सा क्यों रहता है।
आगे बढ़ने से क्यों डरता है,
सपनों को बुनने से क्यों डरता है।
तकदीर को क्यों रोता है,
मेहनत से क्यों डरता है।
झूठे लोगो से क्यों डरता है,
कुछ खोने के डर से क्यों बैठा है।
हाथ नहीं होते नसीब होते है उनके भी,
तू मुट्ठी में बंद लकीरों को लेकर रोता है।
भानू भी करता है नित नई शुरुआत,
सांज होने के भय से नहीं डरता है।
मुसीबतों को देख कर क्यों डरता है,
तू लड़ने से क्यों पीछे हटता है।
किसने तुमको रोका है,
तुम्ही ने तुम को रोका है।
भर साहस और दम, बढ़ा कदम,
अब इससे अच्छा कोई न मौका है।
(7) Sapne Bunna Sikho
बैठ जाओ सपनों के नाव में,
मौके की ना तलाश करो,
सपने बुनना सीख लो।
खुद ही थाम लो हाथों में पतवार,
माझी का ना इंतजार करो,
सपने बुनना सीख लो।
पलट सकती है नाव की तकदीर,
गोते खाना सीख लो,
सपने बुनना सीख लो।
अब नदी के साथ बहना सीख लो,
डूबना नहीं, तैरना सीख लो,
सपने बुनना सीख लो।
भंवर में फंसी सपनों की नाव,
अब पतवार चलाना सीख लो,
सपने बुनना सीख लो।
खुद ही राह बनाना सीख लो,
अपने दम पर कुछ करना सीख लो,
सपने बुनना सीख लो।
तेज नहीं तो धीरे चलना सीख लो,
भय के भ्रम से लड़ना सीख लो,
सपने बुनना सीख लो।
कुछ पल भंवर से लड़ना सीख लो,
समंदर में विजय की पताका लहराना सीख लो,
सपने बुनना सीख लो।
(8) Latest Motivational Poem in Hindi
नहीं बनाया किसी ने टाटा, बिरला, अंबानी,
खुद ही बने है सब अपने सपनों के सौदागर।
राह नहीं थी बनी बनाई, ना ही है कोई बड़ा ज्ञानी,
सब ने करी है कड़ी मेहनत, फिर है मेहनत रंग लाई।
एक पल में नहीं बनता सब कुछ,
पल पल मेहनत करके सब ने मंजिल है पाई।
कल क्या होगा ना ध्यान दिया, बस काम किया,
राह में मुश्किल उनके भी आई।
मुश्किल था मंजिल को पाना, बना दिया रास्ता,
चल दिए बिना किए किसी की परवाह।
सुना है उन्होंने भी ताना बाना,
लेकिन फितूर चढ़ा था कुछ पाने का।
तोड़ दिया सब का भ्रम, कर दिया सपनों को साकार,
ताना देने वालों ने ही हँसकर सत्कार किया।
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